ज़िन्दगी एक मेला है
यहाँ रिश्तों की जमघट में
हर इंसान अकेला है
ग़म, ख़ुशी हताशा
आशा-निराशा का झूला है
ज़िन्दगी एक मेला है
दया-मोह -माया शरबत की घूँट
रईस हाथी, सयाना ऊंट
हर खिलौना अलबेला है
ज़िन्दगी एक मेला है.
तोता भविष्य देखता
पंडित चाट बेचता
कौन गुरु कौन यहाँ चेला है
ज़िन्दगी एक मेला है
जादुई आइना हज़ारों रूप
रात-दिन छाँव-धूप
सुबह -शाम की बेला है
ज़िन्दगी एक मेला है
मौत के कुँवें में "फ़ट-फ़ट!!"
ख्वाब जलते सरपट
आगे नए अरमानों का रेला है
ज़िन्दगी एक मेला है
जवान बूढ़े जोकर
रोते-हँसते मिलकर
जुदाई-मिलन का झमेला है
ज़िन्दगी एक मेला है
ज़िन्दगी एक मेला है
रिश्तों के मरघट में
हर इंसान अकेला है