Wednesday, September 4, 2013

Guru

गुरुदेव x 4

तुम्ही  माता तुम्ही  पिता
तुम ही  बन्धु हमारे
तुमसे है ये सारी  सृष्टि
तुम ही पालनहारे

गुरु कितने रूप तुम्हारे x 4


मेरा क्या था , मेरा क्या है
कुछ भी न था कुछ भी न है
जो भी है वो तुमको अर्पण
मेरा  तन मन , मेरा जीवन
कर्म में मेरे धर्म में
मेरे हर एक मर्म में
प्रेम बनके, बनके करुणा
तुम ही हो, हाँ तुम ही  रे!

गुरु कितने रूप तुम्हारे x 4

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